Air India Flight AI171 Crash: 2025 की सबसे बड़ी विमान दुर्घटना की पूरी सच्चाई

PRAMPRAKASH PANDIT
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**एयर इंडिया फ्लाइट AI171: एक दिल दहला देने वाली घटना **

Air India Flight AI171 Crash: 2025 की सबसे बड़ी विमान दुर्घटना की पूरी सच्चाई

12 जून 2025
का दिन भारत के विमानन इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गया, जब **एयर इंडिया फ्लाइट AI171** अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से टेकऑफ के महज 30 सेकंड बाद मेघनी नगर के एक रिहायशी इलाके में क्रैश हो गई। यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, जो लंदन गैटविक के लिए उड़ान भर रहा था, 242 लोगों को लेकर उड़ा था, लेकिन इस हादसे ने 241 जिंदगियों को छीन लिया। जमीन पर भी कम से कम 8 लोग मारे गए, और कुल मृतकों की संख्या 265 से अधिक पहुंच गई। यह कहानी उस त्रासदी की है, जो न केवल यात्रियों और उनके परिवारों, बल्कि पूरे देश को झकझोर गई। यह कहानी उन आखिरी पलों, संभावित कारणों, और इसके बाद की जांच और सामाजिक प्रभावों को बयान करती है।


**उस सुबह की शुरुआत**

12 जून 2025 की सुबह अहमदाबाद में गर्मी अपने चरम पर थी। तापमान 38 डिग्री सेल्सियस के आसपास था, लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे पर सामान्य हलचल थी। **एयर इंडिया फ्लाइट AI171**, जो दोपहर 1:38 बजे लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने वाली थी, अपने निर्धारित समय पर तैयार थी। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, रजिस्ट्रेशन नंबर VT-ANB, एक आधुनिक और विश्वसनीय विमान माना जाता था, जिसे 2014 में एयर इंडिया को डिलीवर किया गया था। विमान ने 41,000 घंटे की उड़ानें पूरी की थीं और इसे नियमित मेंटेनेंस के बाद पूरी तरह सुरक्षित माना गया था।

विमान में 242 लोग सवार थे: 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर, जिनमें 2 पायलट और 10 केबिन क्रू शामिल थे। यात्रियों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, और 1 कनाडाई नागरिक थे। इनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री **विजय रूपाणी** भी शामिल थे, जो अपने परिवार के साथ लंदन जा रहे थे। यात्रियों में कुछ मेडिकल स्टूडेंट्स, कुछ बिजनेसमैन, और कई परिवार छुट्टियां मनाने के लिए उत्साहित थे।

कप्तान **सुमीत सभरवाल**, जिनके पास 8,200 घंटे का उड़ान अनुभव था, और फर्स्ट ऑफिसर **क्लाइव कुंदर**, जिनके पास 1,100 घंटे का अनुभव था, कॉकपिट में थे। दोनों अनुभवी पायलट थे, और उनकी टीम को बोइंग 787 जैसे उन्नत विमान को संभालने का पूरा प्रशिक्षण प्राप्त था। टेकऑफ से पहले सभी प्रक्रियाएं—प्री-फ्लाइट चेकलिस्ट, मेंटेनेंस रिकॉर्ड्स, और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से संपर्क—सामान्य थीं।
Air India Flight AI171 Crash: 2025 की सबसे बड़ी विमान दुर्घटना की पूरी सच्चाई



 **टेकऑफ और त्रासदी का आगाज**

दोपहर 1:38 बजे, फ्लाइट AI171 ने रनवे 23 से टेकऑफ किया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमान ने शुरुआत में सामान्य गति से उड़ान भरी, लेकिन कुछ ही सेकंड बाद यह असामान्य रूप से कम ऊंचाई पर उड़ता दिखा। **फ्लाइटराडार24** के डेटा के अनुसार, विमान ने अधिकतम 625 फीट (190 मीटर) की ऊंचाई हासिल की, लेकिन इसके बाद यह तेजी से नीचे गिरने लगा। सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि विमान का नोज ऊपर की ओर था, लेकिन यह ऊंचाई हासिल करने में असमर्थ था।

टेकऑफ के लगभग 30 सेकंड बाद, कप्तान सभरवाल ने ATC को **मेडे कॉल** भेजा, जो एक आपातकालीन संदेश है। लेकिन इससे पहले कि वे स्थिति की गंभीरता को और समझा पाते, विमान का संपर्क टूट गया। फ्लाइटराडार24 का सिग्नल भी खो गया।

विमान मेघनी नगर के रिहायशी इलाके में बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की डाइनिंग हॉल में जा गिरा। विमान में लंदन की 7,800 किलोमीटर की उड़ान के लिए 125,000 लीटर ईंधन भरा था। क्रैश के साथ ही एक भीषण विस्फोट हुआ, और आग की लपटें आसमान को छूने लगीं। आसपास के लोग दहशत में चीखने-चिल्लाने लगे। मलबे और आग ने पूरे इलाके को तबाही में बदल दिया।
Air India Flight AI171 Crash: 2025 की सबसे बड़ी विमान दुर्घटना की पूरी सच्चाई

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**क्रैश साइट का मंजर**

क्रैश साइट का दृश्य दिल दहलाने वाला था। बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की डाइनिंग हॉल पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी थी। विमान का मलबा सैकड़ों मीटर के दायरे में बिखर गया। आग इतनी तीव्र थी कि शुरुआती कुछ घंटों तक बचाव दल वहां तक नहीं पहुंच सका। स्थानीय निवासियों ने बताया कि विस्फोट की आवाज कई किलोमीटर तक सुनाई दी। आसपास की इमारतों के शीशे टूट गए, और धुएं का गुबार पूरे मेघनी नगर को ढक गया।

**नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF)**, गुजरात पुलिस, और अग्निशमन दल तुरंत मौके पर पहुंचे। लेकिन आग की तीव्रता और मलबे की विशालता ने बचाव कार्य को चुनौतीपूर्ण बना दिया। हॉस्टल में मौजूद मेडिकल स्टूडेंट्स में से कम से कम चार की मृत्यु हो गई, और 50-60 अन्य घायल हुए। जमीन पर कुल 8 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई, हालांकि यह संख्या बढ़ सकती है।

 **एकमात्र जीवित बचा यात्री**

इस त्रासदी में एक चमत्कार भी हुआ। **विश्वासकुमार रमेश**, एक 32 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक (भारतीय मूल के), जो सीट 11A पर बैठे थे, इस हादसे में जीवित बच गए। विश्वासकुमार इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठे थे, जो उनकी जान बचाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ। उन्होंने बताया कि टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही एक जोरदार धमाका हुआ, और विमान तेजी से नीचे गिरने लगा। क्रैश के बाद वह किसी तरह इमरजेंसी एग्जिट से बाहर निकले। उनकी हालत गंभीर थी, लेकिन सिविल अस्पताल में इलाज के बाद उनकी स्थिति स्थिर बताई गई।

विश्वासकुमार ने बाद में एक बयान में कहा, "मैंने चारों तरफ चीखें सुनीं। सब कुछ धुएं और आग में डूब गया था। मुझे नहीं पता मैं कैसे बच गया। यह भगवान की कृपा थी।"





 **संभावित कारण: एक रहस्य**

हादसे का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, क्योंकि **एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB)** और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की जांच प्रारंभिक चरण में है। लेकिन कुछ संभावित कारण सामने आए हैं:

1. **तकनीकी खराबी**

  **इंजन फेल्योर**: विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों इंजनों में एक साथ खराबी (डबल इंजन फेल्योर) हो सकती है। बोइंग 787 में दो जनरल इलेक्ट्रिक GEnx-1B इंजन हैं, और डबल इंजन फेल्योर अत्यंत दुर्लभ है।
   - **फ्लैप्स और स्लैट्स की गलत स्थिति**: सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि विमान के फ्लैप्स और स्लैट्स शायद सही स्थिति में नहीं थे, जिससे लिफ्ट हासिल करने में दिक्कत हुई। हालांकि, बोइंग 787 में टेकऑफ कॉन्फिगरेशन वॉर्निंग सिस्टम होता है, जो ऐसी गलती होने पर चेतावनी देता है।
   - **लैंडिंग गियर**: फुटेज में दिखा कि लैंडिंग गियर टेकऑफ के बाद भी नीचे था, जो असामान्य है। यह किसी यांत्रिक खराबी का संकेत हो सकता है।

2. **पायलट त्रुटि**:
   - कप्तान सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर कुंदर अनुभवी थे, और उनके रिकॉर्ड में कोई कमी नहीं थी। लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि टेकऑफ से पहले फ्लैप्स सेटिंग या अन्य कॉन्फिगरेशन में मानवीय त्रुटि हो सकती है। यह संभावना कम है, क्योंकि बोइंग 787 में कई स्वचालित चेतावनी सिस्टम हैं।

3. **बाहरी कारक**
   - **पक्षी टकराव**: प्रारंभिक जांच में पक्षी टकराने की कोई पुष्टि नहीं हुई। फ्लाइटराडार24 और ATC रिकॉर्ड्स में भी इसका कोई उल्लेख नहीं है।
   - **मौसम**: अहमदाबाद में गर्म मौसम था, जिसके कारण हवा का घनत्व कम हो सकता है। लेकिन यह अकेले क्रैश का कारण नहीं हो सकता, क्योंकि बोइंग 787 को ऐसे हालात में उड़ान भरने के लिए डिजाइन किया गया है।

4. **साजिश की आशंका**:

   - सोशल मीडिया पर कुछ X पोस्ट्स में दावा किया गया कि एयर इंडिया की मेंटेनेंस एक तुर्की कंपनी के पास थी, और इसमें गड़बड़ी हो सकती है। लेकिन यह दावा असत्यापित है।
   - **आतंकवादी हमला**: **राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)** ने क्रैश साइट का दौरा किया, जिससे कुछ लोग इसे संभावित आतंकवादी हमले से जोड़ रहे हैं। लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।

5. **मेंटेनेंस की कमी**
   - 2024 में एक बोइंग व्हिसलब्लोअर ने दावा किया था कि बोइंग 787 की मैन्युफैक्चरिंग में शॉर्टकट्स लिए गए, जिससे विमान के जोड़ों पर तनाव हो सकता है। हालांकि, बोइंग ने इन दावों को खारिज किया था। यह जांचा जा रहा है कि क्या मेंटेनेंस में कोई चूक हुई।

*जांच और ब्लैक बॉक्स**

13 जून 2025 को क्रैश साइट से **डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR)** और **कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)** बरामद किए गए। ये ब्लैक बॉक्स विमान की गति, ऊंचाई, इंजन की स्थिति, और पायलटों की अंतिम बातचीत के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देंगे। AAIB, यूएस की **नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB)**, और यूके की **एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB)** इस जांच में शामिल हैं।

जांच में कई पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है:
- विमान के मेंटेनेंस रिकॉर्ड्स।
- पायलटों की ट्रेनिंग और स्वास्थ्य।
- टेकऑफ से पहले की प्रक्रियाएं।
- संभावित बाहरी हस्तक्षेप।

अंतिम रिपोर्ट अगले साल तक आने की उम्मीद है, लेकिन प्रारंभिक निष्कर्ष अगस्त 2025 तक आ सकते हैं।

 **प्रभाव और सामाजिक प्रतिक्रिया**

इस हादसे ने न केवल भारत, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी झकझोर दिया।

1. **मृतकों की पहचान**:
   - विमान में सवार 241 लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें विजय रूपाणी और उनकी पत्नी शामिल थीं। जमीन पर मारे गए 8 लोगों में 4 मेडिकल स्टूडेंट्स थे।
   - डीएनए टेस्टिंग के जरिए शवों की पहचान की जा रही है, क्योंकि आग और विस्फोट ने कई शवों को क्षत-विक्षत कर दिया।

2. **मुआवजा और सहायता**
   - **एयर इंडिया** और टाटा ग्रुप ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।
   - हेल्पलाइन नंबर (1800 5691 444) जारी किया गया, और अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली, और गैटविक में सहायता केंद्र खोले गए।
   - गुजरात सरकार ने जमीन पर मारे गए लोगों के परिवारों के लिए 5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।

3. **सामाजिक प्रभाव**:
   - गुजरात सरकार ने 13 जून को राजकीय शोक घोषित किया। स्कूल, कॉलेज, और कई कार्यालय बंद रहे।
   - ब्रिटिश हिंदू समुदाय ने लंदन में प्रार्थना सभाएं आयोजित कीं। अहमदाबाद में भी मृतकों की याद में कैंडल मार्च निकाला गया।
   - सोशल मीडिया पर #AirIndiaCrash और #AhmedabadTragedy ट्रेंड करने लगे। कुछ लोगों ने एयर इंडिया की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए, तो कुछ ने बोइंग की मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया को निशाना बनाया।

4. **विमानन उद्योग पर प्रभाव**:
   - **डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA)** ने एयर इंडिया के बोइंग 787-8/9 फ्लीट की अतिरिक्त सुरक्षा जांच के आदेश दिए।
   - बोइंग ने एक बयान जारी कर दुख जताया और जांच में पूरा सहयोग देने का वादा किया।

 **निष्कर्ष**

एयर इंडिया फ्लाइट AI171 का क्रैश भारत के हाल के इतिहास में सबसे घातक विमान हादसों में से एक है। यह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा है, जिसने इस विमान की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। टेकऑफ के 30 सेकंड बाद हुई यह त्रासदी तकनीकी खराबी, मानवीय त्रुटि, या किसी बाहरी कारक का परिणाम हो सकती है। ब्लैक बॉक्स और मलबे की जांच से सच्चाई सामने आएगी, लेकिन तब तक यह हादसा सैकड़ों परिवारों के लिए एक असहनीय दर्द और विमानन उद्योग के लिए एक सबक बनकर रह गया है।

यह कहानी उन 265 से अधिक जिंदगियों को श्रद्धांजलि है, जो इस त्रासदी में खो गईं, और उस एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति की हिम्मत को सलाम है, जिसने इस भयावह मंजर को देखा और फिर भी जीवित रहा।

**शब्द गणना**: 1498

**नोट**: यह कहानी उपलब्ध वेब स्रोतों, X पोस्ट्स, और प्रारंभिक जांच के आधार पर लिखी गई है। यदि आप इस कहानी में कोई विशिष्ट पहलू जोड़ना चाहते हैं या किसी अन्य क्रैश की कहानी चाहते हैं, तो कृपया बताएं।

⚠️ Disclaimer:

यह जानकारी केवल रिपोर्ट्स और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। कृपया आधिकारिक एजेंसियों की पुष्टि के बाद ही कोई निष्कर्ष निकालें।

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